गोरखपुर में शारदीय नवरात्रि की धूमधाम से तैयारी जा रही है। बंगाल से आए मूर्तिकार इस धार्मिक उत्सव के लिए मूर्तियां बना रहे हैं। 22 वर्षों बाद, रेलवे स्टेशन पर प्रोबीर बिश्वास नामक शिल्पकार फिर से नवदुर्गा की दो सेट मूर्तियां बना रहे हैं। यह दोनों मूर्तियां आर्डर पर तैयार की जा रही हैं और एक बक्शीपुर में और दूसरी कप्तानगंज में स्थापित की जाएगी।
गोरखनाथ में भी, मूर्तिकार वासुदेव पाल नवरात्रि के इस अवसर पर कई मूर्तियां तैयार कर रहे हैं। रेलवे स्टेशन, गोरखनाथ, सूबा बाजार, सुमेर सागर, किराना मंडी, और अन्य कई स्थानों पर मूर्तिकार मूर्तियां बना रहे हैं और इनकी रंगाई जल्द ही पूर्ण हो जाएगा।
प्रोबीर बिश्वास, जिन्होंने 2001 में पहली बार नवदुर्गा की मूर्ति बनाई थी, अब बक्शीपुर और कप्तानगंज से आने वाले आर्डर के लिए काम कर रहे हैं। इस बार की मूर्तियां पिछले वर्ष की तुलना में कम होंगी, परन्तु इनकी ऊचाई, व्यवस्था और रंगों मे खासियत भारी होगी।
मूर्तिकारों का कहना है कि इस बार पूजा की तैयारी में पुआल, मिट्टी और बांस की कीमतें बढ़ गई हैं, जिससे निर्माण की लागत में वृद्धि हुई है। वे इसके बावजूद भी आर्डर पर मूर्तियां तैयार कर रहे हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में कम हो सकती हैं।
मूर्तिकारों के परिश्रम व मेहनत से गोरखपुर शहर की मूर्तिया बेहद प्रसिद्ध है। दूर दूर से लोगों की आखे गोरखपुर की मूर्तियों को देखने के लिए खिची चली आती है। चाहे वो गोरखपुरे ग्रामीण के लोग हो या किसी अन्य जिले के रहने वाले। सभी को ये बेहद सुंदर व अच्छी लगती है।