उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण होने जा रहा है, जो भारत-नेपाल सीमा के समानांतर बनाया जाएगा। 519 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच की दूरी महज 9 घंटे में तय की जा सकेगी, जबकि वर्तमान में इस सफर को पूरा करने में करीब 15 घंटे लगते हैं।
इस परियोजना पर करीब 32,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई शहरों की कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा और इन तीनों राज्यों के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगा।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे गोरखपुर के जगदीशपुर से शुरू होकर कुशीनगर के तामुखिराज तहसील से होते हुए बिहार के गोपालगंज में प्रवेश करेगा यह एक्सप्रेसवे 25 स्थानों पर इंटरचेंज से जुड़ा होगा, जिससे राज्य राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य प्रमुख सड़कें आसानी से जुड़ सकेंगी।
इस परियोजना के लिए बिहार में अगले महीने से भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल उत्तर प्रदेश और बिहार के शहरों को फायदा होगा, बल्कि पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जैसे प्रमुख व्यापारिक केंद्रों को भी फायदा होगा।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से यात्रा का समय घटकर मात्र 9 घंटे रह जाएगा, जिससे व्यापार, पर्यटन और अन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा सिलीगुड़ी से दिल्ली और उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों तक की यात्रा भी आसान हो जाएगी।
यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना न केवल उत्तर भारत की परिवहन व्यवस्था में क्रांति लाएगी, बल्कि इन तीनों राज्यों के आर्थिक विकास को भी नई दिशा देगी। 2028 तक पूरा होने पर यह एक्सप्रेसवे क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।