गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में शुक्रवार का दिन अलग रहा। मंदिर में आमतौर पर जहां धार्मिक गतिविधियां होती हैं, वहीं इस दिन अलग नजारा देखने को मिला। शतरंज की खेल मे एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थे, तो दूसरी तरफ देश के सबसे युवा फिडे रेटेड खिलाड़ी कुशाग्र थे। इस खास शतरंज के मुकाबले ने सबका ध्यान खींचा।
शतरंज की खेल मे दो महारथियों की भिड़ंत
देश के सबसे युवा फिडे रेटेड खिलाड़ी कुशाग्र ने अपनी तेज और चतुर चालों से खेल की शुरुआत की। योगी आदित्यनाथ ने भी कुशाग्र की हर चाल का गंभीरता से जवाब दिया, लेकिन खेल के दौरान उनकी मुस्कुराहट से पता चल रहा था कि वह इस युवा प्रतिभा के साथ खेल का आनंद ले रहे हैं। दोनों के बीच यह शतरंज का मुकाबला सिर्फ खेल तक ही सीमित नहीं था, बल्कि यह दोनों के धैर्य और मानसिक क्षमता की भी परीक्षा ले रहा था।
अखिलेश यादव का कटाक्ष
शतरंज के इस मुकाबले के बीच राजनीतिक कटाक्ष भी हुए। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर एक कविता शेयर की। यह कविता कवि उदय प्रताप सिंह की थी, जिसमें सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों की सोच और जनता के प्रति उनके नजरिए पर कटाक्ष किया गया था।
अखिलेश यादव ने लिखा
"हिमगिरि के ऊंचे शिखर से नीचे देखने पर बड़ी चीजें छोटी लगती हैं, वैसे ही ऊंची कुर्सियों पर बैठे लोग भी जनता को शतरंज का मोहरा समझते हैं।"
अखिलेश का यह तंज साफ तौर पर योगी आदित्यनाथ पर था और उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि सत्ता के गलियारे में बैठे लोग जनता को शतरंज का मोहरा समझते हैं।
अखिलेश यादव ने शतरंज खेलते हुए योगी आदित्यनाथ और कुशाग्र की तीन तस्वीरें भी शेयर कीं। इन तस्वीरों में योगी आदित्यनाथ और कुशाग्र आमने-सामने नजर आ रहे हैं। योगी की मुस्कान और कुशाग्र की गंभीरता खेल के प्रति उनकी गंभीरता को साफ तौर पर दर्शा रही थी।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
शतरंज का यह खेल सिर्फ दो खिलाड़ियों के बीच की प्रतिस्पर्धा नहीं थी, बल्कि इसके पीछे राजनीति भी दिखाई दे रही थी। योगी आदित्यनाथ ने जहां इस खेल के जरिए अपनी सादगी और युवाओं के प्रति समर्थन दिखाया, वहीं अखिलेश यादव ने इस आयोजन को अलग नजरिए से देखा और इसे सत्ता की राजनीति से जोड़कर तंज कसा।